
Angiosarcoma & Hemangiosarcoma - inhibits cancer growth, antioxidants, activates immune system
एंजियोसारकोमा और हेमांगियोसारकोमा - कैंसर के विकास को रोकता है, एंटीऑक्सीडेंट, प्रतिरक्षा प्रणाली को सक्रिय करता है
Causes
Genetic mutations causing abnormal blood vessel cell growth
Chronic inflammation or radiation exposure
Weak immunity and toxin accumulation (Ama)
Kapha–Vata imbalance affecting vascular tissues
Solution : Jain’s Cow Urine Therapy supports the body’s natural healing in Angiosarcoma & Hemangioma control by
Traditionally supports detoxification and immune strength
Helps reduce toxin load (Ama) affecting vascular tissues
Supports energy, vitality, and systemic wellness during treatment
Helps in metabolic and circulatory balance
Used as a complementary supportive therapy
Angiosarcoma और Hemangiosarcoma दोनों दुर्लभ लेकिन गंभीर प्रकार के soft tissue sarcoma (कोमल ऊतकों के कैंसर) हैं, जो शरीर की रक्त या लसीका (lymphatic) वाहिकाओं की कोशिकाओं से उत्पन्न होते हैं। ये तेजी से फैलने वाले (aggressive) कैंसर होते हैं।
🧬 अंतर (Angiosarcoma vs Hemangiosarcoma):
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प्रकार |
उत्पत्ति |
सामान्य स्थान |
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Angiosarcoma |
Blood vessels या lymphatic vessels |
त्वचा, यकृत, हृदय, स्तन, सिर-गर्दन क्षेत्र |
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Hemangiosarcoma |
विशेष रूप से blood vessels (रक्त वाहिकाओं) से |
त्वचा, यकृत, तिल्ली (spleen), हृदय |
⚠️ सामान्य लक्षण (Lakshan):
लक्षण उस स्थान पर निर्भर करते हैं जहां कैंसर विकसित हुआ है:
✅ त्वचा में होने पर (Cutaneous Angiosarcoma):
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लक्षण |
विवरण |
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त्वचा पर नीला, बैंगनी या काला चकत्ता |
अक्सर आंखों के आसपास, सिर या चेहरे पर |
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घाव या गांठ जो ठीक नहीं होती |
बार-बार खुलने वाला या खून बहने वाला घाव |
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सूजन और दर्द |
आस-पास की त्वचा में |
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त्वचा में तेजी से बदलाव |
रंग, आकार या बनावट में |
✅ लिवर या अंदरूनी अंगों में होने पर:
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लक्षण |
विवरण |
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पेट दर्द या फुलाव |
विशेषकर यकृत या तिल्ली के पास |
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वजन में अचानक गिरावट |
बिना डाइटिंग या प्रयास के |
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थकान और कमजोरी |
कमज़ोर महसूस होना |
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पीलिया (Jaundice) |
यकृत प्रभावित होने पर |
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पेट में द्रव भरना (Ascites) |
गंभीर मामलों में |
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खून की कमी (Anemia) |
आंतरिक रक्तस्राव के कारण |
✅ हृदय में होने पर (Cardiac Angiosarcoma):
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लक्षण |
विवरण |
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सीने में दर्द |
हृदय क्षेत्र में लगातार दर्द |
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सांस फूलना (Breathlessness) |
कम मेहनत में भी |
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दिल की धड़कनों में अनियमितता |
एरिथमिया |
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कमज़ोरी या चक्कर आना |
रक्त संचार प्रभावित होने पर |
🧪 मुख्य कारण (Causes)
हेपेटाइटिस B और C वायरस संक्रमण
लीवर सिरोसिस (Cirrhosis) – शराब, फैटी लिवर या वायरल इन्फेक्शन के कारण
अत्यधिक शराब सेवन
Aflatoxin (फफूंदी लगे अनाज) का सेवन
मोटापा और डायबिटीज
फैटी लिवर डिज़ीज (NAFLD)
✅ बचाव (Prevention)
हेपेटाइटिस B का टीकाकरण
संक्रमित सुइयों, रक्त या यौन संबंध से बचाव
शराब और धूम्रपान से दूरी
हेल्दी डाइट और वजन नियंत्रित रखना
दूषित अनाज (aflatoxin युक्त) से बचें
नियमित लिवर फंक्शन टेस्ट (LFT) करवाना, विशेषकर जोखिम समूह में
🌿 आयुर्वेदिक जैंस काऊ यूरिन थेरेपी
लीवर डिटॉक्स और सूजन कम करने में सहायक।
एंटीऑक्सीडेंट, इम्यून बूस्टर और लिवर टॉनिक।
पाचन और लीवर शुद्धि के लिए उपयोगी।
जिगर (लीवर) की समग्र शक्ति बढ़ाने वाला।
रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में सहायक।
लिवर की सफाई और कैंसर कोशिकाओं की वृद्धि को धीमा करने में सहायक।
यह संयोजन शरीर में एंटीऑक्सीडेंट्स और इम्यून सिस्टम को सक्रिय करता है।
जिगर की सूजन और टॉक्सिन हटाने में गोमूत्र का उपयोग परंपरागत रूप से किया जाता रहा है।
आयुर्वेदिक औषधियों के साथ संयोजन
गोमूत्र को कांचनार गुग्गुल, सहजना, चित्रक, सारिवा, गिलोय, भूमि आंवला, मेहंदी, पाषाणभेद, अतिबला, अश्वगंधा, पुनर्नवा, मुलेठी, हल्दी, तुलसी, पीपल छाल, मंजिष्ठा, मकोय, गुलर छाल, वट (बड़ का वृक्ष),लोध्र,सहदेवी, नागकेसर, शतावरी,वासा (अडूसा), कंकोल (तेल फल), त्रिकटु, शिलाजीत, वन ककड़ी, सदा पुष्पी, रोहितक, कालमेघ, पुनर्नवा, आंवला, कालमेघ, भृंगराज, तुलसी, बहेड़ा, मुलेठी, नागरमोथा, पिप्पली, रोहितक, कुटकी, सौंठ, भुई आंवला, विडंग, गिलोय, काकमाची, काली मिर्च, चित्रक, मेंहदी, घृतकुमारी, जीरा,नीम, पुनर्नवा, अश्वगंधा, आंवला, गोखरू, शंखपुष्पी, तुलसी, पिप्पली, भृंगराज, कटुकी, चित्रक, बहेड़ा, गिलोय, सोंठ जैसी औषधियों के साथ रिसर्च अनुसार निश्चित मात्रा में मिलाकर प्रोसेस किया जाता है, जिससे इसकी प्रभावशीलता अत्यधिक बढ़ जाती है।
आवश्यक अन्य मेडिसिन के कांबीनेशन के साथ पथ्य-अपथ्य, योगासन के साथ कैंसर रोग का इलाज करें |
1. Take Ayurvedic Chemotrim Syrup 6-6 Teaspoonful twice a day.
2. Take Ayurvedic Heporyl syrup 4-4 teaspoons twice a day.
3. Take Ayurvedic Aprifort Syrup 2-2 Teaspoons twice a day.
4. Take Ayurvedic Ansocur Capsule 2-2 and 1-1 Heptone B capsule twice a day.
5. Drink One glass of Cow’s milk boiled with 1/2 teaspoon of turmeric powder in morning & evening.
6. Make a sauce of 31 Basil leaves & take with one tsp of honey. Take it daily at 10.00am & 4.00pm
7. Take 2 -2 teaspoons of Ayurvedic fortex pak twice a day
8. Light massage with Ayurvedic Omni oil 2-3 times a day.
- 2 CHEMOTRIM+ SYP
- 2 HEPORYL+ SYP
- APTIFORT + SYP
- 2 ANSOCURE CAP
- HEPTONE B + CAP
- 2 FORTEX PAK 450 grams
- OMNI OIL 70 ml
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