
Urothelial Carcinoma- can be controlled
यूरोथेलियल कार्सिनोमा को नियंत्रित किया जा सकता है
Urothelial Carcinoma (यूरोथीलियल कार्सिनोमा), जिसे पहले Transitional Cell Carcinoma (TCC) भी कहा जाता था, मूत्र प्रणाली (urinary tract) में सबसे सामान्य प्रकार का कैंसर है — यह विशेष रूप से मूत्राशय (bladder) में शुरू होता है, लेकिन गुर्दों की नलियों (renal pelvis), मूत्रवाहिनी (ureter) और मूत्रमार्ग (urethra) में भी हो सकता है।
यह कैंसर उन transitional epithelial cells से बनता है जो मूत्रमार्ग के अंदर की परत में होते हैं, जो पेशाब के प्रवाह के अनुसार फैलते और सिकुड़ते हैं।
⚠️ Urothelial Carcinoma के सामान्य लक्षण (Symptoms):
लक्षण |
विवरण |
पेशाब में खून आना (Hematuria) |
अक्सर बिना दर्द के होता है; पेशाब का रंग गुलाबी, लाल या कोला जैसा हो सकता है |
पेशाब करते समय जलन या दर्द (Dysuria) |
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बार-बार पेशाब लगना |
दिन और रात दोनों समय |
पेशाब रुक-रुककर आना या बहाव में कमी |
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पेशाब करते समय अधूरा खालीपन महसूस होना |
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पेल्विक एरिया, पीठ या पेट में दर्द |
उन्नत अवस्था में |
थकावट, वजन घटना |
कैंसर फैलने पर |
⚠️ कारण (Causes):
धूम्रपान (Smoking) – प्रमुख कारण
रसायनों के संपर्क में आना – जैसे: डाई इंडस्ट्री, रबर, लेदर आदि
पुरानी यूरिनरी इन्फेक्शन
पानी में आर्सेनिक की उपस्थिति
परिवार में कैंसर का इतिहास
🛡️ बचाव (Prevention):
धूम्रपान से दूर रहें
साफ पानी का सेवन करें
नियमित हेल्थ चेकअप करवाएं
पेशाब में खून आने पर तुरंत डॉक्टर से मिलें
विषैले रसायनों के संपर्क से बचें
🐄 जैन्स काऊ यूरिन थेरेपी (Jain Cow Urine Therapy):
रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है
शरीर से टॉक्सिन्स निकालता है
कैंसर कोशिकाओं की वृद्धि को रोकने में सहायक
मूत्र प्रणाली को साफ करता है
ब्लैडर की कार्यक्षमता बढ़ाता है
इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है
ट्यूमर घटाने में सहायक
आयुर्वेदिक औषधियों के साथ संयोजन
गोमूत्र को कांचनार गुग्गुल, सहजना, चित्रक, सारिवा, गिलोय, भूमि आंवला, मेहंदी, पाषाणभेद, अतिबला, अश्वगंधा, पुनर्नवा, मुलेठी, हल्दी, तुलसी, पीपल छाल, मंजिष्ठा, मकोय, गुलर छाल, वट (बड़ का वृक्ष),लोध्र,सहदेवी, नागकेसर, शतावरी,वासा (अडूसा), कंकोल (तेल फल), त्रिकटु, शिलाजीत, वन ककड़ी, सदा पुष्पी, रोहितक, कालमेघ, पुनर्नवा, आंवला, कालमेघ, भृंगराज, तुलसी, बहेड़ा, मुलेठी, नागरमोथा, पिप्पली, रोहितक, कुटकी, सौंठ, भुई आंवला, विडंग, गिलोय, काकमाची, काली मिर्च, चित्रक, मेंहदी, घृतकुमारी, जीरा, गोखरू, पुनर्नवा, कुल्थी, हरड़, काकमाची, आंवला, निशोथ, रसवंती जैसी औषधियों के साथ रिसर्च अनुसार निश्चित मात्रा में मिलाकर प्रोसेस किया जाता है, जिससे इसकी प्रभावशीलता अत्यधिक बढ़ जाती है।
आवश्यक अन्य मेडिसिन के कांबीनेशन के साथ पथ्य-अपथ्य, योगासन के साथ रोग का इलाज करें |
1. Take Ayurvedic Chemotrim Syrup 6-6 Teaspoonful twice a day.
2. Take Ayurvedic Heporyl syrup 2-2 teaspoons twice a day.
3. Take Ayurvedic Uroflush Syrup 4-4 Teaspoonful twice a day.
4. Take Ayurvedic Ansocur Capsule 2-2 twice a day.
5. Drink One glass of Cow’s A2 milk boiled with 1/2 teaspoon of turmeric powder in morning & evening. Add half teaspoon of Ayurvedic Toner liquid in the milk
6. Make a sauce of 31 Basil leaves & take with one teaspoon of honey at 10.00am and 4.00pm
7. Take 2 -2 teaspoons of Ayurvedic fortex pak twice a day.
8. Light massage with Ayurvedic Omni oil 2-3 times a day.
- 2 CHEMOTRIM+ SYP
- HEPORYL+ SYP
- 2 UROFLUSH + SYP
- 2 ANSOCURE CAP
- TONER LIQUID 100 m
- 2 FORTEX PAK 450 grams
- OMNI OIL 70 ml
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