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Intrahepatic Cholangiocarcinoma Support Kit

Intrahepatic Cholangiocarcinoma Support Kit

Regular price Rs. 6,550.00 INR
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Intrahepatic Cholangiocarcinoma- Cleanse the liver and bile duct

इंट्राहेपेटिक कोलेंजियोकार्सिनोमा - यकृत और पित्त नली को साफ करें 

Intrahepatic Cholangiocarcinoma (इंट्राहेपेटिक कोलांजिओकार्सिनोमा) एक दुर्लभ लेकिन गंभीर कैंसर है जो लीवर के अंदर स्थित बाइल डक्ट्स (पित्त नलिकाओं) से शुरू होता है। यह बाइल डक्ट कैंसर (Bile Duct Cancer) का एक उपप्रकार है।

यह अक्सर धीरे-धीरे बढ़ता है लेकिन जल्दी पहचान में नहीं आता, क्योंकि शुरू में लक्षण बहुत मामूली या अनजाने हो सकते हैं।

Causes

Genetic mutations in bile duct cells within the liver
Chronic liver inflammation, bile duct disorders, or toxins
Weak immunity and long-term toxin accumulation (Ama)
Pitta–Kapha imbalance affecting liver and biliary system

Solution : Jain’s Cow Urine Therapy supports the body’s natural healing in Intrahepatic Cholangiocarcinoma  control by

Traditionally supports detoxification and liver metabolism
Helps reduce toxin load (Ama) affecting hepatic tissues
Supports immune balance, digestion, and vitality
Helps overall strength and well-being during treatment
Used as a complementary supportive therapy

🔍 मुख्य लक्षण (Intrahepatic Cholangiocarcinoma ke Lakshan):

 

✅ पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द

लीवर के पास (दाईं तरफ) लगातार दर्द या असहजता
समय के साथ दर्द बढ़ सकता है

✅ थकान (Fatigue)

बिना काम किए भी थका हुआ महसूस होना
लगातार कमजोरी और ऊर्जा की कमी

✅ वजन घटना और भूख की कमी

बिना कोशिश के तेजी से वजन कम होना
खाने की इच्छा में गिरावट

✅ बुखार (Fever)

हल्का या मध्यम बुखार, विशेष रूप से संक्रमण हो तो
कभी-कभी शरीर में ठंड लगना

✅ पेट में सूजन या द्रव जमा होना (Ascites)

पेट फूला हुआ महसूस होना
यह आमतौर पर बीमारी के आगे के स्टेज में होता है

✅ 6. पीलिया (Jaundice) – कभी-कभी

Intrahepatic में पीलिया शुरू में नहीं होता
लेकिन अगर ट्यूमर बड़ा हो जाए या bile flow बाधित हो, तो त्वचा और आंखें पीली हो सकती हैं

📌 कम सामान्य लेकिन संभावित लक्षण:

त्वचा में खुजली
पेशाब का रंग गहरा
हल्के रंग का मल
रात में पसीना

⚠️ कारण (Causes)

पुरानी पित्त नली की सूजन (जैसे Primary sclerosing cholangitis)
लिवर या पित्ताशय की बीमारियाँ
पित्त नली में पथरी या संक्रमण
जीन में बदलाव (Mutations)
पаразाइटिक संक्रमण (जैसे लीवर फ्लूक)
तम्बाकू, शराब और विषैले रसायनों का सेवन
नकली और तैलीय भोजन


🛡️ बचाव (Prevention)

पित्त से जुड़ी पुरानी समस्याओं का समय पर इलाज
स्वच्छ भोजन और पानी का सेवन
शराब और धूम्रपान से बचाव
हेपेटाइटिस B और C से बचने के उपाय
डायजेस्टिव सिस्टम की सफाई और हेल्दी डायट
आयुर्वेदिक डिटॉक्स (पंचकर्म) समय-समय पर

🐄 जैंस काऊ यूरिन थेरेपी (Cow Urine Therapy)

 

गोमूत्र में कैंसररोधी, एंटीऑक्सीडेंट, और इम्यूनो-बूस्टिंग गुण होते हैं।

ट्यूमर और विषाक्तता कम करने में सहायक

लिवर को पोषण देने के लिए

लिवर और पित्त नली की सफाई

रोग प्रतिरोधक क्षमता में सुधार

शरीर से विषाक्त तत्व निकालता है

ट्यूमर ग्रोथ नियंत्रित करने में सहायक

डाइजेशन व मल साफ़ करने के लिए

रक्त शोधक और कैंसर विरोधी गुण

टॉक्सिन्स का निष्कासन


आयुर्वेदिक औषधियों के साथ संयोजन

गोमूत्र को कांचनार गुग्गुल, सहजना, चित्रक, सारिवा, गिलोय, भूमि आंवला, मेहंदी, पाषाणभेद, अतिबला, अश्वगंधा, पुनर्नवा, मुलेठी, हल्दी, तुलसी, पीपल छाल, मंजिष्ठा, मकोय, गुलर छाल, वट (बड़ का वृक्ष),लोध्र,सहदेवी, नागकेसर, शतावरी,वासा (अडूसा), कंकोल (तेल फल), त्रिकटु, शिलाजीत, वन ककड़ी, सदा पुष्पी, रोहितक, कालमेघ, पुनर्नवा, आंवला, कालमेघ, भृंगराज, तुलसी, बहेड़ा, मुलेठी, नागरमोथा, पिप्पली, रोहितक, कुटकी, सौंठ, भुई आंवला, विडंग, गिलोय, काकमाची, काली मिर्च, चित्रक, मेंहदी, घृतकुमारी, जीरा, सोंठ, आंवला, नागरमोथा, भुई आंवला, शतावरी, सौंफ, हरड़, विदांग, चित्रक, यवानी अजवाइन, कुलंजन, जीरा, नीम, पुनर्नवा, अश्वगंधा, आंवला, गोखरू, शंखपुष्पी, तुलसी, पिप्पली, भृंगराज, कटुकी, चित्रक, बहेड़ा, गिलोय, सोंठ जैसी औषधियों के साथ रिसर्च अनुसार निश्चित मात्रा में मिलाकर प्रोसेस किया जाता है, जिससे इसकी प्रभावशीलता अत्यधिक बढ़ जाती है।

आवश्यक अन्य मेडिसिन के कांबीनेशन के साथ पथ्य-अपथ्य, योगासन के साथ रोग का  इलाज करें |

1.  Take Ayurvedic Chemotrim Syrup 6-6 Teaspoonful twice a day.

2.  Take Ayurvedic Heporyl syrup 4-4 teaspoons twice a day.

3.  Take Ayurvedic Toxinol Syrup 2-2 Teaspoonful twice a day.

4.  Take Ayurvedic Ansocur Capsule 2-2 twice a day.  

5.  Take Ayurvedic Hepton-B Capsule 1-1 twice a day. 

6.  Make a sauce of 31 Basil leaves & take with one teaspoon of honey at 10.00am and 4.00pm

7.  Take 2 -2 teaspoons of Ayurvedic fortex pak twice a day.

8.  Light massage with Ayurvedic Omni oil 2-3 times a day.

9. Drink One glass of Cow’s A2 milk boiled with 1/2 teaspoon of turmeric powder in morning & evening

View full details

Intrahepatic Cholangiocarcinoma- Cleanse the liver and bile duct

इंट्राहेपेटिक कोलेंजियोकार्सिनोमा - यकृत और पित्त नली को साफ करें 

Intrahepatic Cholangiocarcinoma (इंट्राहेपेटिक कोलांजिओकार्सिनोमा) एक दुर्लभ लेकिन गंभीर कैंसर है जो लीवर के अंदर स्थित बाइल डक्ट्स (पित्त नलिकाओं) से शुरू होता है। यह बाइल डक्ट कैंसर (Bile Duct Cancer) का एक उपप्रकार है।

यह अक्सर धीरे-धीरे बढ़ता है लेकिन जल्दी पहचान में नहीं आता, क्योंकि शुरू में लक्षण बहुत मामूली या अनजाने हो सकते हैं।

Causes

Genetic mutations in bile duct cells within the liver
Chronic liver inflammation, bile duct disorders, or toxins
Weak immunity and long-term toxin accumulation (Ama)
Pitta–Kapha imbalance affecting liver and biliary system

Solution : Jain’s Cow Urine Therapy supports the body’s natural healing in Intrahepatic Cholangiocarcinoma  control by

Traditionally supports detoxification and liver metabolism
Helps reduce toxin load (Ama) affecting hepatic tissues
Supports immune balance, digestion, and vitality
Helps overall strength and well-being during treatment
Used as a complementary supportive therapy

🔍 मुख्य लक्षण (Intrahepatic Cholangiocarcinoma ke Lakshan):

 

✅ पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द

लीवर के पास (दाईं तरफ) लगातार दर्द या असहजता
समय के साथ दर्द बढ़ सकता है

✅ थकान (Fatigue)

बिना काम किए भी थका हुआ महसूस होना
लगातार कमजोरी और ऊर्जा की कमी

✅ वजन घटना और भूख की कमी

बिना कोशिश के तेजी से वजन कम होना
खाने की इच्छा में गिरावट

✅ बुखार (Fever)

हल्का या मध्यम बुखार, विशेष रूप से संक्रमण हो तो
कभी-कभी शरीर में ठंड लगना

✅ पेट में सूजन या द्रव जमा होना (Ascites)

पेट फूला हुआ महसूस होना
यह आमतौर पर बीमारी के आगे के स्टेज में होता है

✅ 6. पीलिया (Jaundice) – कभी-कभी

Intrahepatic में पीलिया शुरू में नहीं होता
लेकिन अगर ट्यूमर बड़ा हो जाए या bile flow बाधित हो, तो त्वचा और आंखें पीली हो सकती हैं

📌 कम सामान्य लेकिन संभावित लक्षण:

त्वचा में खुजली
पेशाब का रंग गहरा
हल्के रंग का मल
रात में पसीना

⚠️ कारण (Causes)

पुरानी पित्त नली की सूजन (जैसे Primary sclerosing cholangitis)
लिवर या पित्ताशय की बीमारियाँ
पित्त नली में पथरी या संक्रमण
जीन में बदलाव (Mutations)
पаразाइटिक संक्रमण (जैसे लीवर फ्लूक)
तम्बाकू, शराब और विषैले रसायनों का सेवन
नकली और तैलीय भोजन


🛡️ बचाव (Prevention)

पित्त से जुड़ी पुरानी समस्याओं का समय पर इलाज
स्वच्छ भोजन और पानी का सेवन
शराब और धूम्रपान से बचाव
हेपेटाइटिस B और C से बचने के उपाय
डायजेस्टिव सिस्टम की सफाई और हेल्दी डायट
आयुर्वेदिक डिटॉक्स (पंचकर्म) समय-समय पर

🐄 जैंस काऊ यूरिन थेरेपी (Cow Urine Therapy)

 

गोमूत्र में कैंसररोधी, एंटीऑक्सीडेंट, और इम्यूनो-बूस्टिंग गुण होते हैं।

ट्यूमर और विषाक्तता कम करने में सहायक

लिवर को पोषण देने के लिए

लिवर और पित्त नली की सफाई

रोग प्रतिरोधक क्षमता में सुधार

शरीर से विषाक्त तत्व निकालता है

ट्यूमर ग्रोथ नियंत्रित करने में सहायक

डाइजेशन व मल साफ़ करने के लिए

रक्त शोधक और कैंसर विरोधी गुण

टॉक्सिन्स का निष्कासन


आयुर्वेदिक औषधियों के साथ संयोजन

गोमूत्र को कांचनार गुग्गुल, सहजना, चित्रक, सारिवा, गिलोय, भूमि आंवला, मेहंदी, पाषाणभेद, अतिबला, अश्वगंधा, पुनर्नवा, मुलेठी, हल्दी, तुलसी, पीपल छाल, मंजिष्ठा, मकोय, गुलर छाल, वट (बड़ का वृक्ष),लोध्र,सहदेवी, नागकेसर, शतावरी,वासा (अडूसा), कंकोल (तेल फल), त्रिकटु, शिलाजीत, वन ककड़ी, सदा पुष्पी, रोहितक, कालमेघ, पुनर्नवा, आंवला, कालमेघ, भृंगराज, तुलसी, बहेड़ा, मुलेठी, नागरमोथा, पिप्पली, रोहितक, कुटकी, सौंठ, भुई आंवला, विडंग, गिलोय, काकमाची, काली मिर्च, चित्रक, मेंहदी, घृतकुमारी, जीरा, सोंठ, आंवला, नागरमोथा, भुई आंवला, शतावरी, सौंफ, हरड़, विदांग, चित्रक, यवानी अजवाइन, कुलंजन, जीरा, नीम, पुनर्नवा, अश्वगंधा, आंवला, गोखरू, शंखपुष्पी, तुलसी, पिप्पली, भृंगराज, कटुकी, चित्रक, बहेड़ा, गिलोय, सोंठ जैसी औषधियों के साथ रिसर्च अनुसार निश्चित मात्रा में मिलाकर प्रोसेस किया जाता है, जिससे इसकी प्रभावशीलता अत्यधिक बढ़ जाती है।

आवश्यक अन्य मेडिसिन के कांबीनेशन के साथ पथ्य-अपथ्य, योगासन के साथ रोग का  इलाज करें |

1.  Take Ayurvedic Chemotrim Syrup 6-6 Teaspoonful twice a day.

2.  Take Ayurvedic Heporyl syrup 4-4 teaspoons twice a day.

3.  Take Ayurvedic Toxinol Syrup 2-2 Teaspoonful twice a day.

4.  Take Ayurvedic Ansocur Capsule 2-2 twice a day.  

5.  Take Ayurvedic Hepton-B Capsule 1-1 twice a day. 

6.  Make a sauce of 31 Basil leaves & take with one teaspoon of honey at 10.00am and 4.00pm

7.  Take 2 -2 teaspoons of Ayurvedic fortex pak twice a day.

8.  Light massage with Ayurvedic Omni oil 2-3 times a day.

9. Drink One glass of Cow’s A2 milk boiled with 1/2 teaspoon of turmeric powder in morning & evening

  • 2 CHEMOTRIM+ SYP
  • 2 HEPORYL+ SYP
  • 1 TOXINOL + SYP
  • 2 ANSOCURE CAP
  • 1 HEPTONE-B
  • 2 FORTEX PAK 450 grams
  • 1 OMNI OIL 70 ml

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