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Osteosarcoma Support Kit

Osteosarcoma Support Kit

Regular price Rs. 6,500.00 INR
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Causes

Genetic mutations affecting bone-forming cells
Rapid bone growth phases (commonly in youth)
Weak immunity and chronic inflammation
Long-term toxin accumulation (Ama)
Vata–Kapha imbalance affecting bone tissue (Asthi Dhatu)

Solution : Jain’s Cow Urine Therapy supports the body’s natural healing in Osteosarcoma control by

Traditionally supports detoxification and immune strength
Helps reduce toxin load (Ama) impacting bone health
Supports metabolism, vitality, and systemic balance
Helps strength and endurance during medical treatment
Used as a complementary supportive therapy

Treatment of Osteosarcoma 

आस्टिओसारकोमा एवं mfh का उपचार 

Osteosarcoma (ऑस्टियोसारकोमा) हड्डियों का सबसे आम प्रकार का प्राथमिक कैंसर है, जो मुख्यतः 10 से 25 वर्ष की उम्र के बच्चों, किशोरों और युवाओं को प्रभावित करता है। यह हड्डियों की उस कोशिका (osteoblast) से उत्पन्न होता है जो नई हड्डी बनाती है।

यह सबसे ज़्यादा अक्सर लंबी हड्डियों के सिरों (जहां हड्डी तेज़ी से बढ़ती है) में होता है, जैसे:

जांघ की हड्डी (Femur) – घुटने के पास
टिबिया (Shin bone)
ह्यूमरस (Baju की हड्डी – कंधे के पास)

🔍 Osteosarcoma के मुख्य लक्षण: 

 ✅ हड्डी में दर्द

सबसे आम और पहला लक्षण
शुरू में हल्का दर्द जो धीरे-धीरे तेज़ और स्थायी हो जाता है
दर्द अक्सर रात में या व्यायाम के बाद बढ़ जाता है
दर्द वाली जगह दबाने पर अधिक संवेदनशील हो सकती है

 ✅ सूजन और गांठ

दर्द वाले हिस्से के पास सूजन या उभार
त्वचा गर्म, लाल या चमकदार दिख सकती है
कुछ मामलों में गांठ साफ़ दिखाई देती है

 ✅ हड्डी का टूटना (Fracture)

मामूली चोट या बिना चोट के हड्डी टूट सकती है
क्योंकि कैंसर हड्डी को कमजोर कर देता है

गतिशीलता में कठिनाई

चलने में लंगड़ाना (यदि पैर में हो)
हाथ या पैर की गति सीमित होना
जोड़ों में जकड़न या अकड़न

अन्य सामान्य लक्षण:

थकावट या कमजोरी
बुखार (कभी-कभी)
भूख कम लगना
वजन घटना

📍 स्थान विशेष के अनुसार लक्षण:

पैर की हड्डी (Femur/Tibia):
चलने में दिक्कत
लंगड़ाना

बाजू की हड्डी (Humerus):
हाथ उठाने में कठिनाई
कंधे में दर्द और सूजन


🧬 कारण (Causes):

आनुवंशिक गड़बड़ियाँ (Genetic mutations)
Radiation Therapy का पूर्व इतिहास
Paget’s disease of bone – हड्डियों की पुरानी बीमारी
कुछ आनुवंशिक सिंड्रोम (जैसे Li-Fraumeni Syndrome)
बचपन में की गई कीमोथेरेपी


🛡️ बचाव (Prevention):

अनावश्यक रेडिएशन से बचें
किसी भी असामान्य सूजन या दर्द को नजरअंदाज न करें
पौष्टिक भोजन और व्यायाम से हड्डियों को मजबूत रखें
फैमिली हिस्ट्री हो तो नियमित जाँच कराते रहें

🐄 जैंस काऊ यूरिन थेरेपी (Jain Cow Urine Therapy):

गौमूत्र का उपयोग आयुर्वेद में शरीर शोधन व रोग नाशक माना गया है।

कैंसर कोशिकाओं की वृद्धि को धीमा करने में सहायक

कीमोथेरेपी व रेडिएशन के दुष्प्रभाव कम करता है

प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है

टॉक्सिन्स बाहर निकालता है

गांठ व ट्यूमर में लाभकारी

एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-कैंसर

शरीर से विषैले तत्व निकालता है

आयुर्वेदिक औषधियों के साथ संयोजन

गोमूत्र को कांचनार गुग्गुल, सहजना, चित्रक, सारिवा, गिलोय, भूमि आंवला, मेहंदी, पाषाणभेद, अतिबला, अश्वगंधा, पुनर्नवा, मुलेठी, हल्दी, तुलसी, पीपल छाल, मंजिष्ठा, मकोय, गुलर छाल, वट (बड़ का वृक्ष),लोध्र,सहदेवी, नागकेसर, शतावरी,वासा (अडूसा), कंकोल (तेल फल), त्रिकटु, शिलाजीत, वन ककड़ी, सदा पुष्पी, रोहितक, कालमेघ, पुनर्नवा, आंवला, कालमेघ, भृंगराज, तुलसी, बहेड़ा, मुलेठी, नागरमोथा, पिप्पली, रोहितक, कुटकी, सौंठ, भुई आंवला, विडंग, गिलोय, काकमाची, काली मिर्च, चित्रक, मेंहदी, घृतकुमारी, जीरा, सोंठ, आंवला, नागरमोथा, भुई आंवला, शतावरी, सौंफ, हरड़, विदांग, चित्रक, यवानी अजवाइन, कुलंजन, जीरा,शुद्ध चुना, हड़जोड़, अर्जुन, मुलेठी, शतावरी, एसई हल्दी  , गिलोय,  आंवला, लाक्षा गुग्गुल, योगराज गुगल, अश्वगंधा, शतावरी, अनंतमूल, मेथी, शल्लकी, निर्गुंडी, सौंठ, चित्रक, शालपर्णी, गंभारी, गिलोय, देवदारु, रासना, चोपचीनी, तुलसी, मेदा लकड़ी, लहसुन, सुरंजन जैसी औषधियों के साथ रिसर्च अनुसार निश्चित मात्रा में मिलाकर प्रोसेस किया जाता है, जिससे इसकी प्रभावशीलता अत्यधिक बढ़ जाती है।

आवश्यक अन्य मेडिसिन के कांबीनेशन के साथ पथ्य-अपथ्य, योगासन के साथ रोग का  इलाज करें |

1.  Take Ayurvedic Chemotrim Syrup 6-6 Teaspoonful twice a day.

2.  Take Ayurvedic Heporyl syrup 2-2 teaspoons twice a day.

3.  Take Ayurvedic Boncure & Rumalex Syrup 2-2 Teaspoonful twice a day.

4.  Take Ayurvedic Ansocur Capsule 2-2 twice a day.  

5.  Drink One glass of Cow’s A2 milk boiled with 1/2 teaspoon of turmeric powder in morning & evening. Add  half teaspoon of Ayurvedic Toner liquid in the milk 

6.  Make a sauce of 31 Basil leaves & take with one teaspoon of honey  at 10.00am and 4.00pm

7.  Take 2 -2 teaspoons of Ayurvedic fortex pak twice a day.

8.  Light massage with Ayurvedic Omni oil 2-3 times a day.

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Causes

Genetic mutations affecting bone-forming cells
Rapid bone growth phases (commonly in youth)
Weak immunity and chronic inflammation
Long-term toxin accumulation (Ama)
Vata–Kapha imbalance affecting bone tissue (Asthi Dhatu)

Solution : Jain’s Cow Urine Therapy supports the body’s natural healing in Osteosarcoma control by

Traditionally supports detoxification and immune strength
Helps reduce toxin load (Ama) impacting bone health
Supports metabolism, vitality, and systemic balance
Helps strength and endurance during medical treatment
Used as a complementary supportive therapy

Treatment of Osteosarcoma 

आस्टिओसारकोमा एवं mfh का उपचार 

Osteosarcoma (ऑस्टियोसारकोमा) हड्डियों का सबसे आम प्रकार का प्राथमिक कैंसर है, जो मुख्यतः 10 से 25 वर्ष की उम्र के बच्चों, किशोरों और युवाओं को प्रभावित करता है। यह हड्डियों की उस कोशिका (osteoblast) से उत्पन्न होता है जो नई हड्डी बनाती है।

यह सबसे ज़्यादा अक्सर लंबी हड्डियों के सिरों (जहां हड्डी तेज़ी से बढ़ती है) में होता है, जैसे:

जांघ की हड्डी (Femur) – घुटने के पास
टिबिया (Shin bone)
ह्यूमरस (Baju की हड्डी – कंधे के पास)

🔍 Osteosarcoma के मुख्य लक्षण: 

 ✅ हड्डी में दर्द

सबसे आम और पहला लक्षण
शुरू में हल्का दर्द जो धीरे-धीरे तेज़ और स्थायी हो जाता है
दर्द अक्सर रात में या व्यायाम के बाद बढ़ जाता है
दर्द वाली जगह दबाने पर अधिक संवेदनशील हो सकती है

 ✅ सूजन और गांठ

दर्द वाले हिस्से के पास सूजन या उभार
त्वचा गर्म, लाल या चमकदार दिख सकती है
कुछ मामलों में गांठ साफ़ दिखाई देती है

 ✅ हड्डी का टूटना (Fracture)

मामूली चोट या बिना चोट के हड्डी टूट सकती है
क्योंकि कैंसर हड्डी को कमजोर कर देता है

गतिशीलता में कठिनाई

चलने में लंगड़ाना (यदि पैर में हो)
हाथ या पैर की गति सीमित होना
जोड़ों में जकड़न या अकड़न

अन्य सामान्य लक्षण:

थकावट या कमजोरी
बुखार (कभी-कभी)
भूख कम लगना
वजन घटना

📍 स्थान विशेष के अनुसार लक्षण:

पैर की हड्डी (Femur/Tibia):
चलने में दिक्कत
लंगड़ाना

बाजू की हड्डी (Humerus):
हाथ उठाने में कठिनाई
कंधे में दर्द और सूजन


🧬 कारण (Causes):

आनुवंशिक गड़बड़ियाँ (Genetic mutations)
Radiation Therapy का पूर्व इतिहास
Paget’s disease of bone – हड्डियों की पुरानी बीमारी
कुछ आनुवंशिक सिंड्रोम (जैसे Li-Fraumeni Syndrome)
बचपन में की गई कीमोथेरेपी


🛡️ बचाव (Prevention):

अनावश्यक रेडिएशन से बचें
किसी भी असामान्य सूजन या दर्द को नजरअंदाज न करें
पौष्टिक भोजन और व्यायाम से हड्डियों को मजबूत रखें
फैमिली हिस्ट्री हो तो नियमित जाँच कराते रहें

🐄 जैंस काऊ यूरिन थेरेपी (Jain Cow Urine Therapy):

गौमूत्र का उपयोग आयुर्वेद में शरीर शोधन व रोग नाशक माना गया है।

कैंसर कोशिकाओं की वृद्धि को धीमा करने में सहायक

कीमोथेरेपी व रेडिएशन के दुष्प्रभाव कम करता है

प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है

टॉक्सिन्स बाहर निकालता है

गांठ व ट्यूमर में लाभकारी

एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-कैंसर

शरीर से विषैले तत्व निकालता है

आयुर्वेदिक औषधियों के साथ संयोजन

गोमूत्र को कांचनार गुग्गुल, सहजना, चित्रक, सारिवा, गिलोय, भूमि आंवला, मेहंदी, पाषाणभेद, अतिबला, अश्वगंधा, पुनर्नवा, मुलेठी, हल्दी, तुलसी, पीपल छाल, मंजिष्ठा, मकोय, गुलर छाल, वट (बड़ का वृक्ष),लोध्र,सहदेवी, नागकेसर, शतावरी,वासा (अडूसा), कंकोल (तेल फल), त्रिकटु, शिलाजीत, वन ककड़ी, सदा पुष्पी, रोहितक, कालमेघ, पुनर्नवा, आंवला, कालमेघ, भृंगराज, तुलसी, बहेड़ा, मुलेठी, नागरमोथा, पिप्पली, रोहितक, कुटकी, सौंठ, भुई आंवला, विडंग, गिलोय, काकमाची, काली मिर्च, चित्रक, मेंहदी, घृतकुमारी, जीरा, सोंठ, आंवला, नागरमोथा, भुई आंवला, शतावरी, सौंफ, हरड़, विदांग, चित्रक, यवानी अजवाइन, कुलंजन, जीरा,शुद्ध चुना, हड़जोड़, अर्जुन, मुलेठी, शतावरी, एसई हल्दी  , गिलोय,  आंवला, लाक्षा गुग्गुल, योगराज गुगल, अश्वगंधा, शतावरी, अनंतमूल, मेथी, शल्लकी, निर्गुंडी, सौंठ, चित्रक, शालपर्णी, गंभारी, गिलोय, देवदारु, रासना, चोपचीनी, तुलसी, मेदा लकड़ी, लहसुन, सुरंजन जैसी औषधियों के साथ रिसर्च अनुसार निश्चित मात्रा में मिलाकर प्रोसेस किया जाता है, जिससे इसकी प्रभावशीलता अत्यधिक बढ़ जाती है।

आवश्यक अन्य मेडिसिन के कांबीनेशन के साथ पथ्य-अपथ्य, योगासन के साथ रोग का  इलाज करें |

1.  Take Ayurvedic Chemotrim Syrup 6-6 Teaspoonful twice a day.

2.  Take Ayurvedic Heporyl syrup 2-2 teaspoons twice a day.

3.  Take Ayurvedic Boncure & Rumalex Syrup 2-2 Teaspoonful twice a day.

4.  Take Ayurvedic Ansocur Capsule 2-2 twice a day.  

5.  Drink One glass of Cow’s A2 milk boiled with 1/2 teaspoon of turmeric powder in morning & evening. Add  half teaspoon of Ayurvedic Toner liquid in the milk 

6.  Make a sauce of 31 Basil leaves & take with one teaspoon of honey  at 10.00am and 4.00pm

7.  Take 2 -2 teaspoons of Ayurvedic fortex pak twice a day.

8.  Light massage with Ayurvedic Omni oil 2-3 times a day.

  • 2 CHEMOTRIM+ SYP
  • 1 HEPORYL+ SYP
  • 1 BONCURE + SYP
  • 1 RUMALEX+ SYP
  • 2 ANSOCURE CAP
  • 1 TONER LIQUID 100 m
  • 2 FORTEX PAK 450 grams
  • 1 OMNI OIL 70 ml

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